डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी मध्य प्रदेश की राजनीती का एक जाना पहचाना चेहरा है। आज उनके राज्य सभा के चार साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। पिछले चार साल में इस चेहरे ने मध्य प्रदेश और दिल्ली की राजनीती में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। यह मैं नहीं बल्कि मध्य प्रदेश और दिल्ली की राजनैतिक गलियों की बात है कि भविष्य में डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी एक लम्बी पारी खेलेंगे।
अब मन में ऐसा सवाल आया कि ऐसा है ?
तो मैं, व्यक्तिगत तौर पर यह बताना चाहता हूँ कि एक मंजे हुए राजनेता के सभी गुण उनमे मौजूद हैं, चूँकि वो बहुत सहज, सरल और सौम्य व्यक्तित्तव के धनी होने के साथ-साथ, किस समय/वक़्त पर क्या बात करनी चाहिए, वो इसे बहुत अच्छी तरह जानते हैं।
यह कला उन्हें संघ की पाठशाला से मिली है। क्यूंकि वो जमीन से जुड़ कर बात करते हैं , एक सांसद के तौर पर उन्हें यह बताने में जरा भी हिचक नहीं होती कि वह बकरी चराने से लेकर खेत में कार्य करने तक के सभी कार्य क्रमानुसार गिनाते हैं। यह सब आप लोग उनके द्वारा अन्य प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिए गए साक्षात्कारों में सुन या देख ही चुके हैं।
उनकी इस कार्यशैली से प्रभावित होकर, संघ और भाजपा के प्रति उनके समर्पण भाव को देखते हुए शीर्ष नेतृत्व द्वारा उन्हें जनजातीय समाज में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति मोर्चे में नीति एवं शोध जैसे महत्त्वपूर्ण विषय के लिए राष्ट्रीय प्रभारी नियुक्त किया। इसके साथ-साथ डॉ. सोलंकी जी को भाजपा की मुख्य योजना संसदीय संकुल विकास परियोजना का राष्ट्रीय प्रभारी भी बनाया और उन्होंने अपने नाम के स्वरूप अपना 100 % देते हुए इसे कामयाब बनाया और आज देश के हर कोने में उनकी आवाज़ है।
डॉ. सोलंकी जी ने राज्य सभा की शपथ लेते ही 6 साल के कार्यकाल के लिए 16 आयामों की एक सूचि बनाई कि मेरे इस कार्यकाल में मुझे अपने आदिवासी समाज के लिए इन आयामों को पूरा करना है। उन्होंने अपने कार्यालय के लिए एक टीम का गठन किया और इन आयामों को पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत की। परिणामस्वरूप पिछले चार साल में उन्होंने 12 आयामों को पूरा कर अपने कर्म को शीर्ष पर रखने वाले भावस्वरूप उसे यथार्थ में बदल दिया।
उन्होंने अपने इस कार्यकाल में संसद के माध्यम से भी बहुत महत्त्वपूर्ण और जनता के सरोकार के लिए कई महत्त्वपूर्ण विषय उठाये और उन पर भारत सरकार द्वारा त्वरित कार्यवाही हुई जैसे कि : – सिकल सेल का निवारण, रेल गाड़ियों में डिस्टिनेशन डिस्प्ले बोर्ड, खुले बोरवेल के गड्डों के लिए नियम बनाना, दिव्यांग जनों को आधार बनाने में आने वाली परेशानियों से निजात, वन नेशन-वन कार्ड ऐसे बहुत से महत्त्वपूर्ण विषय हैं जिनको उन्होंने आप पास महसूस किया ओर उसे संसद के माध्यम से जनता की आवाज़ में बदल दिया।
किसी ने कहा है : – यदि कड़ी मेहनत आपका हथियार है, तो सफलता आपकी ग़ुलाम हो जाएगी ।
मैं, माननीय संसद जी उनके बचे हुए कार्यों को पूरा करने के लिए अपनी शुभेच्छा प्रेषित करता हूँ।
ओर मैं सभी पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व से भी आग्रह करता हूँ कि वो भी अपनी-अपनी पार्टी में डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी जी जैसे युवा नेताओं को आगे लाएं जो समाज और देश को आगे बढ़ाने का जज्बा रखते हैं।
ईश्वर सिंह
स्वतंत्र लेखक एवं सामाजिक चिन्तक