दिल्ली और एनसीआर में तेज हवाओं के साथ बारिश जारी है। जहां, तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश लोगों को गर्मी से राहत दे रही है तो वहीं, दिल्ली सरकार के खोखले दावों की भी पोल खोल रही है। जी, हां दिल्ली-एनसीआर में आधी रात से जारी बारिश में सड़कें लबालब हो गई हैं। जगह-जगह जल जमाव की स्थिति है। हालात ये हैं कि कई निचले इलाकों में पानी भरने से गाड़ियां डूब गईं। सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर आए वीडियो में मिंटो रोड पुल के नीच लग्जरी कार फंसी दिखाई दे रही है, जिसकी वजह से अन्य वाहन चालक पानी में जाने से कतराते हुए दिखाई दिए।
खुद मैं भी डी डी यू मार्ग जाम में फसा हुआ हूँ, मेरे साथ की एक गाडी में माननीय सांसद जी भी जाम में फसे नज़र आये, उनके साथ-साथ उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री दिनेश शर्मा जी का काफिला भी जाम में फसा हुआ था। न जाने कितने वी आई पी और आम जन ट्रैफिक जाम में परेशान हैं। यह कॉलम मैं, गाडी में बैठे हुए लिख रहा हूँ। आईटीओ समेत कई मुख्य जगहों पर भीषण जाम की स्थिति है।
इसी दौरान ऑफिस की तरफ जाने वाले लोगों का कहना है की मौसम तो सुहाना हुआ है, गर्मी से तो राहत मिली है लेकिन सुबह हम ऑफिस जाने के लिए घर से निकले लेकिन अचानक से ही बारिश की वजह से बीच में ही बस स्टैंड पर रुकना पड़ा। बारिश खत्म हो जाएगी तब ऑफिस की तरफ जाएंगे। बारिश की वजह से ऑफिस पहुंचने में आज लोगों को देरी भी हुई।
सोशल मीडिया में आ रही ख़बरों के अनुसार, इस मूसलाधार बारिश की वजह से दिल्ली एयरपोर्ट पर टर्मिनल-1 में छत का एक हिस्सा गिर गया है। छत को सहारा देने वाले बड़े बड़े गार्डर नीचे गिर गये हैं। इन गार्डर की चपेट में कई गाड़ियां आ गईं। चार लोगों के घायल होने की भी खबर है।
क्या यह पहली बार है जब दिल्ली में ऐसी बारिश हुई है?
क्या पहली बार बारिश की वजह से दिल्ली में इतना बड़ा ट्रैफिक जाम लग गया है? आखिर दिल्ली सरकार ने मानसून के दौरान होने वाली परेशानियों से बचने के लिए क्या-क्या उपाय किए हैं? मेरे मन में कई सवाल हैं जो मुझे बार-बार परेशान कर रहे हैं, आखिर कब तक एक करदाता को ऐसी भयावह स्थितियों का सामना करना पड़ेगा? चौकाने वाली बात यह भी है कि हर साल की तरह इस साल भी मिंटो ब्रिज डूब गया है।
यह कोई नई बात नहीं है कि जब दिल्ली में बारिश होती है तो पूरी दिल्ली जाम हो जाती है, यह एक नियमित प्रक्रिया बन गई है, पिछले 50 सालों से न तो सरकार और न ही प्रशासन ने इस पर ध्यान दिया है ! दिल्ली सरकार और प्रशासन को इस बारे में सोचना चाहिए ताकि ऐसी स्तिथि से बचा जाए। खैर मैं अभी भी जाम में हूँ और जाम से जूझ रहा हूँ, ओर मेरे जैसे असंख्य भाई-बहन। वैसे भी दिल्ली में संसद का सत्र चल रहा है, शायद इस पर भी जाम में फसे हुए सांसद-गण कुछ गौर करेंगे।
कलम ए ईश्वर: –
ए दिल्ली की सरकार….बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नही तुमने…
…भीगने वालों को क्या क्या परेशानी हुई…
-: जाम में फसा हुआ एक आम नागरिक : –
sahi kaha…