कल दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर कोचिंग सेंटर में 3 छात्रों की मौत के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाई है और कहा कि आप बहुमंजिला इमारतों की अनुमति दे रहे हैं, लेकिन आपके पास कोई उचित ड्रेनेज सिस्टम नहीं है. कोर्ट ने पूछा है कि आपके पास नाले और नालियों की साफ-सफाई का कोई प्लान है, आखिर ऐसी घटना क्यों हुई?
अजीबो गरीब जांच चल रही है. कार चलाने वाले राहगीर के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है, लेकिन MCD अधिकारियों के खिलाफ नहीं हो रही है. क्या यही न्याय व्यवथा है आपकी ?
हाई कोर्ट ने कहा हम इस मामले में जिम्मेदारी तय करने के लिए आदेश पारित करेंगे. यह ढांचागत खामी है और इसे किसी वैधानिक तंत्र के पास जाना चाहिए. बहुत सारे अधिकारी काम कर रहे हैं, दुर्भाग्य से विपरीत उद्देश्यों के लिए. बहुत सारा आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है. दिल्ली के पूरे प्रशासनिक ढांचे की दोबारा जांच की जरूरत है. दिल्ली हाई कोर्ट शुक्रवार को आगे सुनवाई करेगा. MCD के वकील ने कहा कि कुछ एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. कोर्ट ने कहा कि तुमने जूनियर अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया है पर जिन बड़े अधिकारियों की निगरानी की जिम्मेदारी है, उन पर क्या किया. कोर्ट ने कहा कि बड़े अधिकारी अपने एसी चैंबर छोड़कर बाहर जाने को तैयार नहीं. अगर आपको लगता है कि बिल्डिंग बनाकर प्रकृति से लड़ लेंगे, तो गलत है. ये नहीं हो सकता. एक दिन सूखे से परेशान होते हो और अगले दिन बाढ़ से.
कोर्ट ने कहा कि इस फ्रीबीज संस्कृति का भी आपको पता होगा. सवा तीन करोड़ की आबादी है, जबकि ये 60-70 लाख की आबादी के लिए प्लानड़ शहर था. बिना बुनियादी ढाँचा सुधारे कैसे इतनी आबादी रह सकती है. MCD के अधिकारीयों को इसका जवाब देना चाहिए.
उसने कहा कि साल 2023 में कोर्ट ने MCD और अन्य स्थानीय अधिकारियों को निर्देश भी जारी किया था लेकिन एक साल बीत गया लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि इस साल 26 जून को राव IAS के अवैध संचालन के संबंध में प्रशासन को एक पत्र भेजा गया था, लेकिन उस पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया. अगर समय पर कार्रवाई की गई होती तो उन तीन लोगों की जान बचाई जा सकती थी. रिहायशी इलाकों में बेसमेंट में कई लाइब्रेरी चल रही हैं, लेकिन पता नहीं क्यों MCD शांत है?
याचिकाकर्ता ने कहा कि इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है कि अखिर किस चीज ने अधिकारियों को कार्रवाई करने से रोका? वहीं, 2023 मे पटेल नगर में एक युवक की करंट लगने से मौत होने पर दाखिल याचिका पर अभी तक कोई जवाब नहीं दाखिल किया गया. दिल्ली के पटेल नगर, करोल बाग, राजेंद्र नगर में बहुत सी बहुमंजिला इमारतें हैं. एक इमारत में करीब 50-60 छात्र रह रहे हैं. यहां तक की बेसमेंट में भी छात्रों के PG चल रहे हैं. प्रत्येक क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोकने के लिए MCD की ओर से व्यक्ति नियुक्त हैं, लेकिन वे काम नहीं कर रहे हैं |
पुलिस की जांच पर संदेह जताते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि यहां गजब जांच चल रही है, जिसमें दिल्ली पुलिस एक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जो अपनी कार से गुजर रहा था, लेकिन एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जिनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वो भी समय-समय पर अपने क्षेत्र का निरक्षण करें. कोर्ट ने पुलिस से पूछा, दिल्ली पुलिस क्या कर रही है? उसके अधिकारी क्या कर रहे हैं? यहां अलग लीपापोती हो रही है क्या? क्या अब तक किसी अधिकारी को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है? हम आपको बता रहे हैं, एक बार अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय हो जाए, भविष्य में ऐसी कोई घटना कभी नहीं होगी। घटना से जुड़ी खबरों के हवाले से कोर्ट ने कहा कि पुलिस राह चलते या गाडी चलाते किसी भी व्यक्ति को पकड़कर क्या कर रही है- एक ड्राइवर को आपने यह कहते हुए पकड़ लिया कि आप गुजरे, इसलिए बेसमेंट में पानी घुस गया।’ क्या आपने उस व्यक्ति से पूछताछ की है, जिसने गाद निकालने का काम नहीं किया है? उस अधिकारी से पूछताछ की, कि आपने मानसून से पहले उसका निरिक्षण किया ? सब खोखले दावे हैं, एक दुसरे को बचाने का प्रयास किया जा रहा है!
कल रात मैं भी अपने घर लगभग 12 बजे रात्रि पहुंचा, कारण क्या हो सकता है?
बारिश से जलभराव…
मानसून है, बारिश तो होगी… जल भराव भी होगा… तो इसमें MCD के अधिकारीयों या अन्य सरकारी एजेंसियों का क्या कसूर… प्रकृति या बादलों को पहले बोलना चाहिए… इतना बरसेंगे…
खैर, MCD के अधिकारीयों के गैर-जिम्मेदाराना रवैये के कारण तीन छात्रों ने अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. कोर्ट सख्त है, इससे होना भी चाहिए… एक जाँच हो… ताकि ऐसे हादसे रोके जा सके… दिल्ली में हैं… जांच और आगे की कार्यवाही भी देखेंगे… दिल्ली पुलिस शायद अपने अंदाज में आकर संज्ञान ले…
आशा है, आज फिर जाम में फंसना न पड़े ?
एक निराश दिल्ली वाला – ईश्वर सिंह
accha h boss